लेखनी प्रतियोगिता -26-Oct-2022
प्रतियोगिता हेतु "भाई दोज" विषय पर कविता
" भाई-बहन की प्रीत "
(गीत)
शंकर जी के जैसा भोला,
मन का राम, कन्हाई है।
हर बहना को सबसे प्यारा,
लगता उसका भाई है।।
घर का है वह चंदा-सूरज,
रौनक है त्योहारों की।
सानी नहीं दूसरा कोई,
सुंदर सौम्य विचारों की।
भाई-बहन की प्रीत 'अमर',
पूर्णांबर में छाई है।। हर...
बचपन साथ बिताया जिसके,
मेरी प्रिया दुलारी बहना।
चूक छुपाकर प्रिय भाई की,
घर में बात बनाकर कहना।
त्रुटियाँ सारी स्वयं छुपाकर,
प्रस्तुत की अच्छाई है।। हर...
अपने हिस्से की भी चीजें,
दीं भाई को खाने में।
मदद किया पढ़ने-लिखने में,
पूरा सबक कराने में।।
छोटी-बड़ी गलतियाँ सारी,
एक- एक सुधराई।। हर ...
बरकरार है प्रेम आज भी,
भले हो गई बहन पराई।
जबभी मुश्किल पड़ी तात पर,
दौड़ अग्रजा आगे आई।।
इक दूजे का प्रेम परस्पर,
प्रतिबिंबी परछाई है।। हर ...
मौलिक/
अमर सिंह राय
नौगांव, मध्यप्रदेश
Khan
28-Oct-2022 06:40 PM
Very nice 👍
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Punam verma
27-Oct-2022 09:21 AM
Very nice
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Abhinav ji
27-Oct-2022 08:45 AM
Nice 👍
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